Why are we sick? Lifestyle diseases & its solutions. (हिंदी)
हम सभी लोग बीमार क्यों हैं?
Why are we sick? Lifestyle diseases & its solutions.
क्या आपको पता हैं? स्वस्थ रहना और उच्च गुणवत्ता वाला जीवन प्राप्त करना हमारे जीवन का महत्वपूर्ण लक्ष्य होना चाहिए!
आज के समय में मनुष्य का स्वास्थ्य आसपास के वातावरण, पानी की शुद्धता और गुणवत्ता, फर्टिलाइजर्स से बना अनाज, हमारी बदतर जीवनशैली, रोजमर्रा के तनाव, पर्याप्त नींद ना मिलना और व्यायाम की कमी पर निर्भर करता हैं.
ये सभी स्थितियां जो जीवन शैली से उत्पन्न बीमारियों को जन्म दे रही है.
आज के समय में हम में से ज्यादातर लोग बीमार होने के पीछे सबसे बड़े कारण हमारी खान-पान की आदतें और हमारे खाने में न्युट्रिशन की कमी भी जिम्मेदार हैं.
जिसकी वजह से पैदा हो रहे डिसऑर्डर्स से हमारे शरीर के सभी महत्वपूर्ण अंग और शरीर की 11 सिस्टम्स का काम सुचारू रूप से नहीं हो रहा हैं.
शरीर सेल्फ हीलिंग क्षमता में कमी!
आपको यदि गलती से चोट लग जाती हैं, तो उससे होने वाला दर्द ज्यादा समय के लिए अस्तित्व में नहीं रहता. कुछ समय बाद आप लगभग इसके बारे में भूल जाते हैं क्यूंकि आपका शरीर खुद इसे ठीक करने में व्यस्त हो जाता हैं. हमारे मानव शरीर में खुद को ठीक करने (Self-healing) की एक आश्चर्यजनक शक्तियों से भरा हैं. यह सब अपने आप ही हमारे cautious mind के बिना होता हैं.
केवल दवाइयों से कुछ नहीं होने वाला. आपके शरीर की सेल्फ हीलिंग क्षमता को अंदर से मजबूत बनाना उतना ही जरुरी हैं.
आज के दौर में हमारे शरीर की सेल्फ हीलिंग कैपेसिटी काफी कम होती नजर आ रही हैं. WHO के अनुसार कुछ बीमारियों से होने वाली मृत्यु में वृद्धि के लिए भी शरीर के सेल्फ हीलिंग पावर का कम होना एक बड़ा कारण माना जाता हैं.
Top 5 causes of deaths in 2019, according to WHO
Cardiovascular Diseases (ह्रदय से सम्बंधित बीमारियां).
The number of deaths: 17.65 million. Share of deaths in %: 32.26
हृदय रोग (cardiovascular diseases) की रोकथाम और प्रबंधन के लिए स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने की सिफारिश डॉक्टर्स द्वारा की जाती हैं. कई सारे रेसर्चेस में भी यही बात कही गयी हैं. दुर्भाग्य से हम स्वस्थ जीवनशैली को अपना नहीं सकते और ज्यादातर लोग हार्ट से जुडी बीमारियों से निबटने में असफल रहते हैं.
Cancers (कर्क रोग).
Number of deaths: 8.93 million, Share of deaths in %: 16.32%
सभी कैंसर के मामलों में से केवल 5-10% को आनुवंशिक दोषों के लिए जिम्मेदार है, जबकि बचे हुए 90-95% की जड़ें पर्यावरण और बुरी जीवन शैली में हैं. जीवनशैली जैसे की सिगरेट धूम्रपान, गलत आहार जिसमें तले हुए खाद्य पदार्थ, रेड मीट, शराब, सूरज की अल्ट्रावॉयलेट किरणें, पर्यावरण प्रदुषण, बैक्टीरियल इन्फेक्शन्स, तनाव, मोटापा और फिजिकल इनैक्टिविटी जिससे बोवेल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, प्रोस्टेट, युटरीन, और लंग कैंसर शामिल हैं.
Respiratory Disease (फेफड़ों की बीमारियां).
The number of deaths: 3.54 million. Share of deaths in %: 6.48%
क्रोनिक श्वसन से जुडी बीमारियों के लिए तंबाकू, धूम्रपान, वायु प्रदूषण, एलर्जी और बाहरी वायु प्रदूषण और इनडोर वायु प्रदूषण जिम्मेदार माना गया हैं. इसमें ज्यादातर कारक हमारी लाइफस्टाइल से जुड़े हुए हैं.
Diabetes, Blood, and endocrine disease (मधुमेह).
The number of deaths: 3.19 million. Share of deaths in %: 5.83%
डायबिटीज विशेषकर टाइप-2 डायबिटीज जीवनशैली कारक माना गया हैं. जीवनशैली कारक जो टाइप 2 मधुमेह का कारण बन सकते हैं उनमें फैट्स, उच्च कार्बोहाइड्रेट से जुड़ा आहार मुख्य कारण हैं. साथ ही गतिहीन जीवन शैली, मोटापा या अधिक वजन होना, तनाव, शहरीकरण जैसे महत्वपूर्ण कारण हैं.
शरीर में अधिक फैट्स के कारण 64% पुरुषों में मधुमेह और 77% महिलाओं में मधुमेह के लक्षण देखे जाते हैं.
Dementia (मनोभ्रंश).
The number of deaths: 2.38 million. Share of deaths in %: 4.36%
डिमेंशिया सिर्फ एक बीमारी नहीं है, बल्कि एक सिंड्रोम है जो कई संभावित स्थितियों के कारण हो सकता है.
विशेषज्ञों का मानना है कि आनुवांशिकता (माँ और पिताजी से पारित जीन के वेरिएंट) तथा ख़राब जीवन शैली जैसे गलत आहार, धूम्रपान, शारीरिक गतिविधियों का ना होना सभी मनोभ्रंश के विकास में भूमिका जरूर निभाते हैं.एक स्वस्थ जीवन शैली जीने से लगभग हर कोई मनोभ्रंश के अपने जोखिम को कम कर सकता है.
किये गए एक शोध ने अनुमान लगाया कि लगभग 40% मनोभ्रंश मामलों को 12 अलग-अलग कारणों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है - जिनमें से सभी को जीवनशैली में होने वाला बदलाव तथा सामाजिक परिवर्तन या दोनों भी शामिल हैं.
इन रिस्क फैक्टर्स में सामाजिक अलगाव, शराब का सेवन, तंबाकू का उपयोग, वायु प्रदूषण के संपर्क में आना, कम शिक्षा का स्तर, उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर), मधुमेह और मोटापा शामिल हैं.
Nutrition Deficiency
न्यूट्रिशन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा भोजन में पदार्थ शरीर के tissues में बदल जाते हैं और मानव जीवन को बनाने वाली शारीरिक और मानसिक गतिविधियों की पूरी श्रृंखला के लिए ऊर्जा प्रदान करते हैं.
न्युट्रिशन के नॉलेज की कमी, विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ नियमित आहार में शामिल ना होना, बद्द्तर आधुनिक जीवन शैली आदि महत्वपूर्ण फैक्टर्स आज के समय में न्युट्रिशन के अभाव की वजह से कई बीमारियों को जन्म दे रही हैं.
आज के समय में Macronutrients और Micronutrients की कमी कमी से हम सब जूझ रहे हैं. जो ज्यादातर लाइफस्टाइल जनित बीमारियों के लिए जिम्मेदार हैं.
मैक्रोन्युट्रिएंट्स तीन मुख्य प्रकार के होते हैं: Carbohydrate, Fat, Protein. मैक्रोन्यूट्रिएंट्स आपके शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं.
Macronutrients की तुलना में आपके शरीर को कम Micronutrients की आवश्यकता होती है, लेकिन यह उन्हें कम महत्वपूर्ण नहीं बनाता है.
Micronutrients विटामिन और खनिज होते हैं जो आपको कोई कैलोरी नहीं देते हैं, लेकिन वे ब्रेन फंक्शन्स से पाचन तंत्र तक शारीरिक प्रक्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण रोल निभाते हैं.
आपके शरीर को आवश्यक प्रोटीन्स और मिनरल्स जैसे 27 Micronutrients की आवश्यकता होती है ताकि यह आपकी आँखों दृष्टि की रक्षा से लेकर हड्डी के निर्माण तक सब कुछ करने में मदद कर सके. (केवल विटामिन डी को छोड़कर, जो केवल सूर्यकिरणों के संपर्क में आने पर ही शरीर में बनता हैं) बाकी सारे Micronutrients आप केवल भोजन के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं.
Micronutrients की कमी से होने वाली गंभीर बीमारियां!
Osteoporosis: ऑस्टियोपोरोसिस हड्डियों को कमजोर कमजोर करता है यह आपकी हड्डियां जितनी होनी चाहिए उससे कहीं अधिक नाजुक हैं और आसानी से फ्रैक्चर हो सकती हैं. इसे साइलेंट किलर भी कहते हैं.
Osteomalacia:ऑस्टियोमलेशिया एक Micronutrients की कमी से होने वाली बीमारी है जो विटामिन डी की कमी के कारण होती है, और ऑस्टियोपोरोसिस की तरह, यह हड्डियों को भी प्रभावित करती है.
Goiter (गलगण्ड): Goiter एक Micronutrients की कमी से होने वाला रोग है जो आयोडीन की कमी के कारण होता है. आयोडीन थायराइड हार्मोन निर्माण करने में महत्वपूर्ण होता है. जब थायराइड हार्मोन का उत्पादन करने के लिए आयोडीन की अपर्याप्त मात्रा होती है, तब थायरॉयड ग्रंथि के असामान्य विकास होने लगता हैं.
Hypothyroidism: यह एक और बीमारी है जो शरीर में अपर्याप्त आयोडीन के कारण होती है. आयोडीन शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए आवश्यक एक आवश्यक खनिज है, जैसे मस्तिष्क विकास, हड्डी को सशक्त बनाना और मेटाबोलिज्म को बढ़ाना. थायराइड हार्मोन का उत्पादन करने में सक्षम होने के लिए थायरॉयड को आयोडीन की आवश्यकता होती है.
Anemia: एनीमिया सबसे आम Micronutrient की कमी से होने वाली बीमारियों में से एक है. आयरन एक Micronutrient है जो शरीर को हीमोग्लोबिन का उत्पादन करने में महत्वपूर्ण रोल निभाता हैं. हीमोग्लोबिन रेड ब्लड सेल्स को पूरे शरीर में ऑक्सीजन परिवहन करने में मदद करता है. इसकी कमी से एनीमिया होने की संभावना बढ़ जाती हैं.
Hemorrhage: विटामिन K एक आवश्यक Micronutrient है जो ब्लड क्लॉट जमने में मदद करता हैं. ब्लड क्लॉट अंग कट जाने या घाव हो जाने पर शरीर से ज्यादा खून को बहने से रोकता है. यही मुख्य कारण है कि इस विटामिन की कमी से अत्यधिक रक्तस्राव होता है.
Night Blindness: यह Micronutrient की कमी से होने वाली बीमारियों में से एक है . नाईट ब्लाइंडनेस (रतौंधी) विटामिन ए की कमी से होने वाली बीमारी है. आपकी दृष्टि को खराब करती है और जहां प्रकाश की कमी होती हैं उन स्थितियों में चीजों को स्पष्ट रूप से देखना मुश्किल बनाता है.
Beriberi: यह विटामिन बी 1 के अपर्याप्त सेवन के कारण होने वाली बीमारी है, जिसे थियामिन भी कहा जाता है. भोजन को तोड़ने और पचाने के लिए शरीर को थियामिन की आवश्यकता होती है. थियामिन चयापचय, मसल्स और नर्वस सिस्टम फंक्शन्स बनाये रखने में मदद करता है. यही कारण है कि बेरीबेरी नर्वस सिस्टम के साथ-साथ कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम को भी प्रभावित कर सकता है.
Alopecia: विटामिन डी की कमी को Alopecia और बालों से संबंधित अन्य समस्याओं के साथ जोड़ा गया है. विटामिन डी बालों के विकास में मदद करता है, जो विटामिन डी के अपर्याप्त होने पर प्रभावित हो सकता है.
Hypocalcemia: यह विटामिन डी की कमी की बीमारी है जो तब होती है जब रक्त में कैल्शियम का स्तर बहुत कम होता है. जब रक्त में कैल्शियम का स्तर अपर्याप्त होता है, तो शरीर हड्डियों से कैल्शियम लेता है, जिससे हड्डियां कमजोर हो जाती हैं.
Hypomagnesaemia: हाइपोमैग्नेसीमिया एक Micronutrients की कमी की बीमारी है जो सीरम में मैग्नीशियम की कम मात्रा की वजह से हो सकती हैं. मैग्नीशियम शरीर में 300 से अधिक चयापचय रिएक्शंस में शामिल है, जिसमें डीएनए संश्लेषण, हड्डी चयापचय, प्रोटीन संश्लेषण और यहां तक कि हृदय संबंधी कार्य भी शामिल हैं.
Pellagra: पेलाग्रा एक Micronutrients की कमी की बीमारी है जो तब होती है जब किसी को विटामिन बी 3 (नियासिन) की कमी से होती है. इस रोग में दस्त, मनोभ्रंश (पागलपन) और त्वचा की प्रकाश संवेदनशीलता जैसे लक्षणों के दीखते हैं. पेलाग्रा भी मृत्यु का कारण बन सकता है अगर अनुपचारित छोड़ दिया जाए.
भारत सहित दुनिया के विकासशील देशों में अधिकांश लोग में Micronutrients की कमी पायी जाती हैं. Micronutrients deficiency की वजह से पैदा होनेवाली बीमारियां तथा विकलांगता विकसनशील देशों के हेल्थ सेक्टर पर काफी बड़ा बुरा प्रभाव छोड़ रही हैं.
कम से कम 30 सूक्ष्म पोषक तत्व हैं जिन्हें मानव शरीर द्वारा पर्याप्त रूप से संश्लेषित नहीं किया जा रहा है, और इसलिए, भोजन के माध्यम से उनको प्राप्त करना एक चुनौती की तरह हैं
इसलिए, यह आश्चर्य की बात नहीं है कि दुनिया में दो अरब से अधिक लोग भोजन के माध्यम से Micronutrients की अपनी दैनिक आवश्यकता को पूरा करने में असमर्थ हैं.
Food Safety and Standards Authority of India (FSSAI) के अनुसार, Micronutrients की कमी को पूरी करना भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य की प्राथमिकता बन रही है.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के सभी आंकड़े यह दर्शाते हैं की करीब 65% नैसर्गिक मौतों के लिए 5 मुख्य बीमारियां जिम्मेदार हैं; और इन पाँचों भी मुख्य बीमारियों के पीछे हमारे बदतर जीवनशैली का महत्वपूर्ण रोल हैं.
तो क्या हम अपनी जीवनशैली बदल सकते हैं? नहीं.
क्या आप पॉल्यूशन से बच सकते हैं? नहीं.
क्या आप केमिकल युक्त और पैकेज्ड फ़ूड खाना छोड़ सकते हैं? नहीं.
जिसे आप शुद्ध पानी समझकर पी रहे हैं क्या वह बीमारियों से मुक्त हैं? नहीं.
क्या आप स्ट्रेस से बच सकते हैं? नहीं.
क्या आप स्वस्थ पारिवारिक जीवन जी रहे हैं? नहीं.
क्या आप आपके बच्चों को फ़ास्ट फ़ूड खाने से रोक पा रहे हो? नहीं.
तो फिर इसके लिए सोल्यूशन क्या हैं?
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