जानें जैविक खेती के फायदे...!
जैसा की आपको विदित हैं कि, बढ़ती हुयी जनसँख्या के साथ भोजन कि आपूर्ति के लिए मानव द्वारा खाद्य उत्पादन कि होड़ में अधिक से अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए तरह-तरह कि रासायनिक खादों, जहरीले कीटनाशकों का उपयोग बड़ी मात्रा में किया जा रहा हैं; जो प्रकृति के जैविक और अजैविक पदार्थों के बीच आदान-प्रदान के चक्र (Ecology System) को प्रभावित करता हैं.
जिससे भूमि कि उर्वरा शक्ति कमजोर हो जाती हैं, साथ ही वातावरण प्रदूषित होता हैं, तथा मनुष्य के स्वास्थ्य में गिरावट आती हैं.
वर्तमान समय में कृषि क्षेत्र में जैसे-जैसे उत्पादन बढ़ रहा हैं, उसी तरह केमिकल का उपयोग भी बढ़ता गया हैं. जिससे भूमि लगातार बंजर होती जा रही हैं. रसायन का ज्यादा उपयोग जमीन, वातावरण, मानव एवं समस्त ब्रह्माण्ड के लिए नुकसानदायक हैं. कीटनाशकों, जीवाणु नाशकों, फफूंदी नाशकों से विषैले तटवास का स्तर बढ़ता जा रहा हैं.
धीरे-धीरे यह नुकसान अपनी समस्त बंदिशों को तोड़कर अत्याधिक घातक हो जाएगा. इस परिस्थिति से निपटने के लिए मोरल ग्रुप ऑफ़ कम्पनीज ने कृषि क्रांति का आगाज किया हैं, जिसे हम जैविक खेती (Organic Farming) के नाम से जानते हैं. इसी श्रृंखला कि खासियत निम्न हैं-
जैविक खेती से होने वाले लाभ
1. कृषकों कि दृष्टी से होने वाले लाभ-
- भूमि कि उपजाऊ क्षमता में वृद्धि
- सिंचाई अंतराल में वृद्धि
- रासायनिक खाद पर निर्भरता काम होने से लागत में कमी
- फसलों कि उत्पादकता में वृद्धि
- अंतर्राष्ट्रीय बाजार कि स्पर्धा में जैविक उत्पाद कि गुणवत्ता का खरा उतरना
2. मिटटी कि दृष्टी से होने वाले लाभ-
- जैविक खाद के उपयोग करने से भूमि कि गुणवत्ता में सुधार आता हैं.
- भूमि कि जल-धारण क्षमता बढ़ती हैं.
- भूमि से पानी का वाष्पीकरण काम होगा.
- भूमि पर विषैले तत्वों का नाश होगा.
- भूमि पर खादों का प्रभाव् बढ़ाएं, नमी बढाये
- भूमि ने रोगजनक कीटाणुओं कि कमी होगी.
3. पर्यावरण कि दृष्टी से होने वाले लाभ-
- भूमि के जल स्टार में वृद्धि होती हैं.
- मिटटी, खाद और जमीन में पानी के माध्यम से होने वाले प्रदुषण में कमी आती हैं.
- कचरे का उपयोग खाद बनाने में होता हैं जिससे प्रदुषण कम होता हैं और बीमारियों में कमी आती हैं.
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