Another side of a coin: What do Italians think about Sonia Gandhi?
एक रोचक तथ्य: इटालियन लोग सोनिया गाँधी के बारे में क्या जानते हैं?
गाँधी परिवार की एक ऐसी बहु जिसकी कोई राजनीतिक आकांक्षा नहीं थी. किसी मजबूरी के कारन उन्हें राजनीती में आना पड़ा; और इटालियन होने का एक ऐसा श्राप, जिसने उन्हें कभी भारत जैसे विशाल देश का प्रधानमंत्री बनने के लायक नहीं समझा.
साल 1999, जब अचानक से मुलायम सिंग जी की 'अंतरात्मा की आवाज' जागी. अटल जी की सरकार गिर चुकी थी... और हमेशा की तरह कई लोग अपने अंतरात्मा को टटोल रहे थे, की कहीं से तो 'अंतरात्मा की आवाज' आये... जिसमे शरद पवार, तारिक़ अनवर और पी. ए. संगमा थे.
जिनकी अंतरात्मा जागी उनमें से एक ही बचे रहे... आखरी सास तक... सिर्फ संगमा जी ही कांग्रेस से दूर रहे.
अपने अपने राजनीती के लिए मुलायम से लेकर शरद पवार (जिन्होंने कांग्रेस छोड़ने के बाद महाराष्ट्र में उनसे ही राजनीती के लिए गठजोड़ किया) और तरीक अनवर (अभी कुछ माह पहले फिर से कांग्रेस में शामिल हुए)... खैर ये तो जोड़ तोड़ वाला समाजवादी इतिहास हैं.
ये अंतरात्मा की आवाज क्या थी...? सोनिया जी भारत की प्रधान मंत्री नहीं बन सकती. क्यों की वह जन्म से इटालियन हैं...
शादी कर सोनिया जी राजीव गाँधी के साथ भारत आयी... वैसे तो राजीव जी को राजनीती में आने को भी सोनियाजी का विरोध ही रहा. जो की भविष्य में भी सिद्ध हुवा... गलती किसकी हैं ये अलग विषय हो सकता हैं... राजीवजी से काफी गलतिया हुयी... जिसपर काफी कुछ लिखा जाएगा.
मगर राजीव चले गए... और छोड़ गए अपनी ३ संतान... जिनको सोनियाजी ने ही पाला पोसा और बड़ा किया... पहली प्रियंका वाड्रा, दुसरे राहुल गाँधी,... तीसरी संतान कांग्रेस (उसमे सबसे ज्यादा चाटूकार ही हैं) जो ये समझते रहे की कांग्रेस चलाने के लिए गाँधी परिवार का कोई व्यक्ति ही लायक हैं.
लेकिन जिस महिला को प्रधानमंत्री बनाने के मुलायम, शरद पवार, तारिक़ अनवर और संगमा का अंतरात्मा जगा था... क्या वह महिला सच में उतनी इटालियन हैं जितना प्रोपोगंडा इस देश में किया गया?
चलो देखते हैं... सोनिया जी इटली की जनता में कितनी पॉपुलर हैं?
गेन्नारो सेनाटोरे, कहते हैं, ''की हम मुश्किल से जानते हैं कि वह (सोनियाजी) कौन है. उन्होंने बहुत पहले ही देश (इटली) छोड़ दिया था कि हमारे लिए वह इटालियन से अधिक भारतीय (बहु) है. मुझे लगता है कि बहुत से राष्ट्रवादी भारतीय उन्हें पसंद नहीं करते हैं, उन्हीं कारणों से राष्ट्रवादी विदेशियों को (खासकर इटालियन से) घृणा करते हैं, ''
वह आगे जाकर बोलते हैं की, ''कुछ भारतीय कहते हैं, वह (इटालियन) माफिया की कठपुतली है, लेकिन वह नहीं है. ना ही वह इटली के दक्षिणी राज्यों से हैं ना ही वह सिसिलियन हैं (सिसिलियन माफिया कुप्रसिद्ध हैं). उन्होंने एक विदेशी (भारतीय) से शादी की. इटालियन माफिया भारत की बिल्कुल भी परवाह नहीं करते हैं. यदि कोई भारतीय उनका तिरस्कार करते हैं, तो हमें परवाह नहीं है. अगर भारतीय उनसे प्यार करते हैं तो हमें कोई फर्क नहीं पड़ता. हमें उनसे (सोनिया जी) से ज्यादा इटालियन फुटबॉलरों की परवाह है. ये उनके प्रति कोई अनादर नहीं हैं, लेकिन ... हां, हमें कोई परवाह भी नहीं है''.
इटालियन प्रवासी मार्को सिनसिनी कहते हैं, "मैं भारत में आने से पूर्व ये सोचता था की, सोनिया गाँधी महात्मा गाँधी की कोई पोती या परपोती होगी... जब मैं पूरा भारत घूम रहा था, तो लोग मुझे पूछ रहे थे की क्या आप सोनिया गाँधी के इटली से हो? वह काफी चिकित्सक थे इटली के बारे में, मुझे काफी आश्चर्य हुवा की सोनिया जी इटालियन हैं. मगर सच ये हैं की इटालियन उन्हें बिलकुल जानते नहीं हैं. और सबसे बड़ी बात हैं की हम इस तरह नहीं सोचते हैं. जैसे की अर्जेंटीना में जो लोग हैं उनमे ७०% प्रतिशत से ज्यादा इटालियन मूल के हैं, मगर हम नहीं जानते की अर्जेंटीना में क्या चल रहा हैं. इसी तरह सोनिया जी भारत की बहु हैं या वहां की काफी बड़ी शख्शियत हैं, मगर हमें (इटालियन जनता) को कोई लेना देना नहीं हैं."
मारिओ फ़ासीनो एक इंडो ऑस्ट्रियन राजनीतिक विश्लेषक हैं. उनकी माता एक ऑस्ट्रियन थी और उनके बचपन जर्मनी, ऑस्ट्रिया और इंग्लैंड में गुजरा.
वह कहते हैं की, "यहाँ रहनेवाले इटालियन सोनिया जी के बारे में कुछ नहीं जानते हैं. हालांकि, आधुनिक भारत में भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और गन्दा राजनैतिक गठबंधन प्रमुख मुद्दे हैं, जो कांग्रेस की देन हैं; मगर भारतीयों के पास अब एक ऐसी सरकार है, जिसके पास मोदी जी जैसे एक बहुत शक्तिशाली नेता हैं."
क्रौली मैथ्यूस कहते हैं की, "सोनिया जी एक गरीब इटालियन परिवार में जन्मी और भारत के सबसे शक्तिशाली राजनीतिक पार्टी की अध्यक्ष बनी. उनकी कड़ी मेहनत के लिए कुछ इटालियन उन्हें सराहते भी हैं. मगर ज्यादातर इटालियंस नहीं जानते की सोनिया गाँधी कौन हैं.
मगर गाँधी परिवार को राजनीती से कुछ हासिल नहीं हुवा हैं. जिसमे सोनिया जी भी हैं. और राहुल तो खैर 'जेड' सिक्योरिटी में पैदा हुए. इसलिए वह भारतीय लोगों को आकर्षित करने में असफल रहे."
कुछ लोग ये भी मानते हैं की इटालियन जनता में भारतियों के प्रति हीन भावना रखती हैं. और ऐसे में वह सोनिया गाँधी का उदहारण देकर भारतियों का शर्मिंदा करती हैं. मगर ऐसे कुछेक उदाहरण दिए जा सकते हैं, इससे ज्यादा इसकी कोई अहमियत नहीं हैं.
जिनसे हमारी काफी मुद्दों पर अलग राय हो, मगर फिर भी हमारे देश के भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव जी की विधवा पत्नी के रूप में सोनिया जी का इस देश की बहू कहना लाजमी बनता हैं. ये दुःख तो वही जान सकती हैं जिसने अपने पति खोया हो.
गाँधी परिवार की एक ऐसी बहु जिसकी कोई राजनीतिक मंशा नहीं थी. किसी मजबूरी के कारन उन्हें राजनीती में आना पड़ा; और इटालियन होने का एक ऐसा श्राप जिसने उन्हें कभी भारत जैसे विशाल देश का प्रधानमंत्री बनने के लायक नहीं समझा.
मगर सोनिया जी के सत्ता में होने के कार्यकाल में इस देश के मूल धर्म को काफी थपेड़ें सहन करने पड़े. और उसपर भगवा दहशत का टैग लगाया गया. शायद ये कांग्रेस की उस सोच का परिणाम होगा जिस सोच ने उसे ७० साल सत्ता में बनाये रखा.
ये हिन्दुओं के लिए काफी दुखदायी होगा. लेकिन हर सिक्के के दो पहलू हैं. आज वहीँ दूसरा पहलू आपके सामने लाने की कोशिश की हैं.
जय हिन्द
वन्दे मातरम
Post A Comment
No comments :