JEE MAIN 2020 NEW PATTERN AND IT'S IMPACT (Hindi)
JEE MAIN 2020 NEW PATTERN
AND IT'S IMPACT (Hindi)
NATIONAL TESTING AGENCY द्वारा JOINT ENTRANCE EXAM (JEE MAIN) परीक्षा का टाइम टेबल जारी करते हुए JEE MAIN PATTERN में किये बदलाव का नोटिफिकेशन जारी किया हैं.
जिसमे प्रथम चरण की परीक्षा जनवरी २०२० में ६ से ११ तारीख तक और दुसरे चरण की परीक्षा अप्रैल २०२० के ३ से ९ तारिख के बीच होगी.
सबसे महत्वपूर्ण बात यह हैं की, होने वाली JEE MAIN परीक्षा के PATTERN में बड़ा बदलाव किया गया हैं.
इस बदलाव की वजह से रिजल्ट में क्या परिवर्तन आएगा? कट-ऑफ क्या होगा? परीक्षा की डिफीकल्टी लेवल क्या हो सकता? ऐसे कई सवाल खड़े हो गए हैं.
हालांकि इस विषय पर नोटिफिकेशन में या अन्य किसी सोर्स से कुछ भी पता नहीं चल रहा हैं, या अभी के समय में पता लगना मुमकिन भी नहीं हैं. बस अंदाज लगाया जा सकता हैं. इस आर्टिकल में इसी विषय पर चर्चा करने की कोशिश की गयी हैं.
बचेलोर ऑफ़ आर्किटेक्ट की ड्राइंग परीक्षा छोड़कर सभी परीक्षाएं ऑनलाइन मोड में होगी.
वाकई हर एक स्टूडेंट एवं उनके पेरेंट्स को ऐसे सवालों ने घेरे में ले रखा हैं, जो की अत्यंत स्वाभाविक भी हैं. इस के लिए सबसे पहले नोटिफिकेशन में क्या कहा गया हैं ये समझ लेते हैं.
JEE MAIN PATTERN 2020
सबसे बड़ी बात यह हैं की परीक्षा की समय सीमा 3 घंटे की ही हैं. मतलब 15 सवाल कम होने पर भी समय सीमा उतनी ही रखी गयी हैं.
MULTIPLE CHOICE QUESTIONS के लिए मार्किंग पहले जैसी ही हैं. मगर INTEGER के लिए प्रति सवाल 4 मार्क्स होंगे पर नेगेटिव मार्किंग नहीं होगी. जैसे के JEE ADVANCE में होता हैं.
JEE MAIN MARKS
इसी तर्ज पर अगर देखा जाए तो कुल मार्क्स 300 होंगे. मतलब पहले से कुल 60 मार्क्स कम.
पहले की तुलना मार्क्स कम होने पर भी INTEGER Type सवालों के आने से परीक्षा की difficulty level बढ़ने के आसार स्पष्ट नजर आ रहे हैं.
डिफीकल्टी लेवल बढ़ने से कट-ऑफ कम आ सकता हैं?
एक यह भी मान्यता हैं की कट-ऑफ कम नहीं होगा, क्यूंकि नेगेटिव मार्किंग वाले questions में कमी आयी हैं. कुछ लोग यह भी मानते हैं की नेगेटिव मार्किंग के कारन पहले ही कट-ऑफ काफी कम थे. कुल मिलाकर कट-ऑफ के विषय अभी तो भी असमंजस हैं.
डिफीकल्टी लेवल बढ़ने से कट-ऑफ कम आ सकता हैं?
एक यह भी मान्यता हैं की कट-ऑफ कम नहीं होगा, क्यूंकि नेगेटिव मार्किंग वाले questions में कमी आयी हैं. कुछ लोग यह भी मानते हैं की नेगेटिव मार्किंग के कारन पहले ही कट-ऑफ काफी कम थे. कुल मिलाकर कट-ऑफ के विषय अभी तो भी असमंजस हैं.
माना जाता हैं की स्टेट बोर्ड के स्टूडेंट्स के लिए ये परीक्षा और ज्यादा कठीण होने जा रही हैं. CBSE पैटर्न के बच्चों को न्यूमेरिकल सवाल हल करने का प्रशिक्षण 9th क्लास से शुरू हो जाता हैं. मगर स्टेट बोर्ड के स्टूडेंट्स को 12 वी कक्षा में भी न्यूमेरिकल्स सवाल हल करने को मिलते नहीं और ना ही वह उसके बारे में अधिक कुछ जानते हैं.
शहर के माहौल में और अच्छे कोचिंग क्लास में शिक्षा ले रहे बच्चे अधिक प्रयास कर न्यूमेरिकल सवालों को हल करना सीख जायेगे और उन्हें कुछ ज्यादा भी फर्क पड़ने वाला नहीं हैं.
मगर रूरल में पढ़ रहे बच्चो के लिए इन्टिजर के सवाल उनके पैरों का रोड़ा बन सकते हैं.
कई ऐसे विद्यार्थी भी होते हैं जो कोचिंग क्लास लगाए बिना भी केवल अपने मेहनत एवं प्रतिभा के बलबूते पर JEE MAIN पास कर जाते थे. ऐसे बच्चो के लिए यह एक बड़ी बाधा बनकर उभर सकती हैं.
इस प्रकार का प्रशिक्षण स्टेट बोर्ड के उच्च माध्यमिक स्कूलों से देना प्रारम्भ कर इस बदलाव को किया जाता तो इसका निश्चित रूप से इस परीक्षा की लेवल बढ़ाने में उपयोग होता. मगर इससे कुछ विशिष्ठ वर्ग के विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा ऐसा अभी तो भी दिखाई दे रहा हैं.
परीक्षा की गुणवत्ता बढ़ाना एक बड़ा ही सराहनीय उपक्रम हैं. मगर इससे कोचिंग क्लासेस की जरुरत और बढ़ सकती हैं. वैसे भी JEE MAIN हो या JEE ADVANCED, इन परीक्षाओं को coaching classes oriented की नजर से ही देखा जाता रहा हैं.
समाज का एक बहोत बड़ा तबका ऐसा हैं जो उच्च प्रतिभा होने के बावजूद आधुनिक साधनो की उपलब्धता ना होने पिछड़ा रहता हैं. ऐसे बच्चो के बारे में भी सोचा जाना चाहिए. सोचा जाएगा ऐसी आशा करते हैं.
JEE MAIN syllabus
JEE MAIN के सिलेबस में कुछ बदलाव नहीं किया गया हैं. स्कूलों में ना पढ़ाये जानेवाले टॉपिक्स जैसे SOLID STATE, COMMUNICATION SYSTEM इस साल भी सिलेबस में रहेंगे.
JEE Main Eligibility Criteria
JEE MAIN ELIGIBILITY CRITERIA में कुछ ज्यादा बदलाव नहीं किये गए हैं. हालांकि Batchelor of Planing के लिए एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स के लिए जरूर अच्छी न्यूज़ हैं, जिसका स्वागत किया जा रहा हैं.
Batchelor of Planing परीक्षा को पात्र होने के लिए फिजिक्स और केमिस्ट्री जैसे साइंस के विषय का होना अब अनिवार्य नहीं हैं.
किसी भी स्ट्रीम के स्टूडेंट्स, जिन्हे मैथमेटिक्स विषय पढ़ाया जा रहा हैं वह बचेलोर ऑफ़ प्लानिंग की परीक्षा के लिए पात्र हैं.
इससे बहोत सारे नए विद्यार्थियों को JEE MAIN परीक्षा देना अब संभव होगा, उनके लिए यह एक बहोत बड़ी उपलब्धि के रूप में उभर कर आयी हैं.
JEE MAIN FEES
२०१९ की तुलना में फीस में बढ़ोतरी दिखाई दे रही हैं. २०२०-२१ परीक्षा सत्र के लिए आवेदन करने से पूर्व, नीचे दी गयी फीस स्ट्रक्चर को जरूर ध्यान रखे.
Paper
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Exam Centre
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Category
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Boys (Fees in Rupees)
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Girls (Fees in Rupees)
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Paper-1 (B.E./ B.Tech.) or Paper-2 (B. Arch/ B.Planning)
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In India
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General/ OBC (NCL)
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650
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325
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SC/ST/PwD/ Transgender
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325
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325
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Outside India
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General/ OBC (NCL)
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3000
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1500
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SC/ST/PwD/ Transgender
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1500
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1500
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Both Paper-1 (B.E./ B.Tech.) and Paper-2 (B. Arch/ B.Planning)
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In India
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General/ OBC (NCL)
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1300
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650
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SC/ST/PwD/ Transgender
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650
|
650
| ||
Outside India
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General/ OBC (NCL)
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6000
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3000
| |
SC/ST/PwD/ Transgender
|
3000
|
3000
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Question on @Quora: Can anyone crack the JEE main without coaching? https://t.co/rzMbj9lUtz— Growide (@Growide1) September 5, 2019
चाहे कितने भी रोड़े, संकट आपकी राह में आये मगर जो लोग पीछे नहीं हटते उन्हें ही प्रतिभा से सम्पन्न कहा जाता हैं. बस अपने आप पर विश्वास करो. सभी विद्यार्थियों को आनेवाले एग्जाम के लिए ढेर सारी शुभकामनाये !
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