AMAZON FOREST FIRE (Hindi)
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AMAZON FOREST FIRE (Hindi)
We are losing species,
we do not even know about…
amazon forest rain
अमेज़ॅन दुनिया का सबसे बड़ा वर्षा वन है, इस प्राकृतिक वर्षा वन से उपजे इन जंगलों में साल में 6 महीने बारिश होती है. ये जंगल इतने घने हैं कि कई जगहों पर सूरज की रोशनी को जमीन देखना तक नसीब नहीं होता.
दुनिया भर में पौधों द्वारा उत्पादित कुल ऑक्सीजन का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा इन्ही वनों से उपजे पेड़ पौधे की देन होती हैं.
ये वन पृथ्वी पर ऑक्सीजन की मात्रा को प्राकृतिक रूप से बेहतर संतुलन बनाने में अपना मौलिक योगदान देते हैं. इसीलिए शायद इन जंगलों को दुनिया के फेफड़े कहा जाता हैं. यहां मिलने वाली जैव विविधता का हिस्सा पूरी दुनिया के १०% हैं. इसलिए अमेज़न के जंगल इस धरती को मिली मौलिक विरासत जानी जाती हैं.
मगर गत कुछ वर्षों से आपराधिक गतिविधि और मनुष्यों के लालच भरी दृष्टिकोण की वजह से, ये प्राकृतिक खजाना खतरे में पड़ा हैं. इन दिनों सोशल मीडिया पर मृत जंगली पक्षियों और जानवरों की कई दिल दहला देने वाली तस्वीरें शेयर हो रही हैं. किसी भी जीव प्रेमी के लिए ये काफी दुखद हैं.
पिछले एक पखवाड़े में, विभिन्न देशों में फैले अमेज़न के जंगलों में लगी भीषण आग की दस हज़ार से अधिक घटनाएं सामने आयी हैं. आग में अब तक हजारों पक्षी, जानवर और दुर्लभ पौधे जल कर राख हो चुके हैं.
इस आग से अमेज़ॅन के प्रदेशों में तथा ब्राज़ील के रोडानिया और साओ पाउलो शहरों पर धुएं का गुबार छाया हुआ हैं. ब्राजील में आग से सबसे अधिक नुकसान हुआ, जिससे आग के गुबार २७०० किलीमीटर दूर साओ पाओलो शहर तक पहुँच गए हैं और वहां दोपहर में अँधेरे का साम्राज्य छा गया था.
वैसे तो अमेज़न के जंगलों में जुलाई से लेकर अक्टूबर तक सूखा होता हैं और ऐसे सूखे मौसम में आग लगना एक आम बात हैं. इन महीनों में आग लगने की हजारों घटनाये सामने आती रहती हैं और ये भयंकर होती हैं और दूर दूर तक धुआं फैल जाता है.
मगर इस साल आग लगने की मात्रा में काफी बढ़ोतरी देखी गयी हैं. पिछले वर्ष २०१८ की तुलना में इस वर्ष ८०% अधिक मात्रा में आग लगने की घटनाएं सामने आयी हैं जो की एक रिकॉर्ड हैं.
विश्व मौसम विज्ञान संगठन के अनुसार, उत्तर-पश्चिम में इन जंगलों में लगी आग ने अटलांटिक तट से हजारों किलोमीटर दूर ब्राजील के रियो डी जेनेरियो तक धुआं फैला दिया है. कई शहरों में मौसम गहरा हो रहा था. ब्राजील के साथ-साथ बोलीविया और पेरू तक का प्रदेश इस धुएं से प्रभावित हुआ हैं.
ये आग प्रति मिनट १.५ square feet से आगे बढ़ती जा रही हैं, जिससे इस भयंकर आग की कल्पना की जा सकती हैं.
The first images of the supertanker rented by Bolivia’s socialist— Max Blumenthal (@MaxBlumenthal) August 24,
President Evo Morales to fight the Amazon fires while Brazil’s Bolsonaro blames environmentalists
HT @FloryCantoX pic.twitter.com/H4SzHbGlbs
2019
Madonna: "President Bolsonaro please change your policies
— CNN (@CNN) August 24, 2019
and help not only your country but the entire planet."
Ronaldo: "It's our responsibility to help to
save our planet."
Leonardo DiCaprio: "The lungs of the Earth are in flames." https://t.co/vP6y8UexDh
अमेज़ॅन वर्षावनों की सुरक्षा का मुद्दा कई वर्षों से पर्यावरण संगठनों द्वारा उठाया जा रहा हैं. जंगल की व्यवस्था को अक्सर आग, पेड़ की अवैध कटाई जैसे मुद्दे लगातार आहत कर रहे हैं, मगर ब्राजील सरकार ने इन शिकायतों को नजरअंदाज किया और औद्योगीकरण के लिए परमिट देना जारी रखे.
Well done The Guardian for being the only broadsheet to lead— Matt
with Brazil and the Amazon fires. pic.twitter.com/ixnGQ1OUkL
Haig (@matthaig1) August 24,
2019
अमेज़न जंगल में लगी आग की इस घटना ने ब्राज़ील सरकार को जिम्मेदार ठहराया जा रहा हैं, मगर ब्राज़ील सरकार इस बात का दोष एनजीओ पर मढ़ दिया हैं. ब्राज़ील के प्रधानमंत्री एनजीओ पर आरोप लगाते हैं की वह पैसों के लिए काम कर रहे हैं.
तथ्यों के आधार पर यह कहा जा सकता हैं की ब्राझिल की सरकार पर्यावरण संगठनो द्वारा बार बार चेतावनी देने के बाद भी उन्हें गंभीरता से नहीं ले रही हैं. जिसका एक बड़ा कारण Mercosur (Southern Common Market) के सदस्य जिसमे अर्जेंटीना, ब्राजील, उरुग्वे और पराग्वे तथा यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (EFTA), जिसमे स्विट्जरलैंड, नॉर्वे, आइसलैंड और लिकटेंस्टीन द्वारा गठित एक व्यापारिक समझौते को बताया जा रहा हैं.
aluminum oxides और hydroxides, सोना जैसे धातु के उत्खनन और soybeans एवं Coffee beans की पैदावार करने के लिए जंगलों को असीमित काटकर उसे जमीन को समतल बनाया गया.
इस समझौते के तहत वर्ष २०१६ में ब्राज़ील ने १.८ बिलियन डॉलर्स की निर्यात की थी. पर्यावरण संगठनों के सुझावों को अनदेखी के पीछे युरोपियन यूनियन का दबाव काफी ज्यादा महत्त्व रखता हैं.
जिम्मेदार चाहे कोई भी हो, नुकसान तो केवल अमेज़न की जैविक समृद्धि और वहां बसने वाले सेंकडो आदिवासी प्रजातियों को हो रहा हैं.
— ScoopONN (@OnnScoop) August 24, 2019
अगर ऐसे ही चलता रहा तो आनेवाले कुछ सालों बाद पृथ्वी के पर्यावरण के लिए बेहद खतरनाक सिद्ध हो सकता हैं, जिसके परिणामस्वरूप पूरी दुनिया की जीव प्रजाति खतरे में आ सकती हैं.
अमेज़ॅन वर्षावनों को नष्ट करने वाली आग ना केवल दिल दहलाने वाली हैं, बल्कि वह एक अंतरराष्ट्रीय आपदा हैं. हम उन्हें नियंत्रण में लाने के लिए और पृथ्वी के सबसे बड़े अजूबों को बचाने के लिए सभी ने आगे आना जरुरी हैं.
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