क्या अपने ही बूने मकड़जाल में उलझते जा रहे है डोनाल्ड ट्रम्प (Hindi)
अमेरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प एक आक्रामक, सनकी व्यक्तित्व के धनी माने जाते है. हालांकि, एक राजनेता जितना राजनीतिक होता है, उतनाही उसे सामाजिक भी होना जरुरी होता है. लेकिन डोनाल्ड ट्रम्प की जहां तक बात की जाए, सामाजिकता का यह पैलु उनके व्यक्तित्व से नदारद ही लगता है.
अपने उच्छृंखलता से लैस फैसलों से दुनिया में सामाजिक तौर पर क्या नुकसान होगा, इसका विचार उनके वैचारिक क्षितिज से काफी परे होता है. लेकिन ऐसे सनक की ज्वाला से भरे उनके फैसलों ने इस समय दुनिया को ज्वालामुखी के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है. हालांकि, इस समय सनक से भरे अपने फैसलों के मकड़जाल में खुद डोनाल्ड ट्रम्प ही उलझते हुए नजर आ रहे है.
@realDonaldTrump @SteveScalise @GOP @GOPLeader @WhiteHouse @SenateGOP @HouseGOP @gtconway3d @JeffreyGuterman @funder— Tommy Maple #ChristiansAgainstTrump (@MapleTommy) January 12, 2020
Trump’s a fraud!
American Cancer Society Tears Trump To Shreds After He Takes Credit For Decline In Cancer Deaths https://t.co/wzIKHpt9to via @politicususa
अपने ही देश में ही घिरते जा रहे है ट्रम्प
हाल ही में ट्रम्प ने इरान के खिलाफ जो सामरिक मोर्चा खोला है, इससे उनकी विश्व स्तर पर ही नहीं बल्कि घरेलू तौर पर भी किरकिरी होती दिखाई दे रही है. उनके इस फैसला का अमेरिकन सिनेट, जिसमें ट्रम्प की विपक्षी पार्टी डेमोक्रैटिक पार्टी का बहुमत है.इस सिनेट की सभापति नैन्सी पैलोसी ने ट्रम्प पर निशाना साधते हुए कोई भी फैसला ट्रम्प सिने की अनुमति के बगैर ना लें, ऐसा चेताया है. जब से ट्रम्प राष्ट्रपति बने है, तभी से और नैन्सी पैलोसी के बीच में गंभीर टकराव पूरे अमेरीका ने देखे है. ट्रम्प की युद्धोन्मादी नीतियों की नैन्सी मुखर विरोधी रही है. ट्रम्प ने भी नैन्सी को कई बार काफी भला-बुरा भी कहा है.
नैन्सी पैलोसी के हाल ही में आए बयान के बाद आशा की जा रही है कि, ट्रम्प अपने अपनी आक्रामक नीतियों को थोड़ासा सौम्य करेंगे. लेकिन चूंकि इसी वर्ष अमेरीका में राष्ट्रपति पद का चुना होना है. साथ ही इस समय डोनाल्ड ट्रम्प पर महाभियोग की प्रक्रिया भी चल रही है. ऐसे में ट्रम्प इन सभी बातों से लोगों का ध्यान भटकाने और अमेरीका में राष्ट्रवाद की चिन्गारी को आग में तब्दील करने का प्रयास कर रहे है, ऐसा माना जा रहा है. उनकी इस नीति का विरोध करने वालों की तादाद अमेरीका में बढ़ती जा रही है. जोकि आने वाले समय में उनके लिए काफी तकलीफदेह साबित हो सकता है.
इरान मुद्दा बन सकता है आखरी कील
पिछले कुछ माह से अमेरीका और इरान में तनाव की गरमाहट बढ़ती जा रही थी. इरान के साथ चल रहे परमाणु करार को खत्म करने से लेकर इरान द्वारा अमेरीका के सामरिक बेस पर हमला होने तक इसका तप्त और ताजा इतिहास है. सत्ता में आने के बाद से ही डोनाल्ड ट्रम्प ने इरान पर निशाना साधना शुरू किया था.पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की सरकार ने इरान के साथ परमाणु करार किया था, उस करार उस करार को लेकर उन्होंने अपनी ही पूर्ववर्ति सरकारों को जमकर लताड़ते हुए इस करार को निरस्त कर दिया. डोनाल्ड ट्रम्प का आरोप है कि, इस करार के चलते ही इरान अपना एटमिक बाॅम्ब तैयार कर रहा है, ऐसा आरोप ट्रम्प करते रहे है. हालांकि, इस बात से इरान हमेशा ही इन्कार करता रहा है.
ट्रम्प सरकार की इस भूमिका के पीछे केवल इस्त्राइल होने का आरोप उनके विरोधी लगाते है, हालांकि यह बात साबित करना लगभग असम्भव भी है.
नाकाबंदी से इरान को किया तंग
अमेरीका का पुराना साथी और उसका योरप में अनपेड पुलिस के तौर पर काम करने वाले ब्रीटेन ने इस आग में घी डालने का काम किया. सबसे पहले उसने इरान का तेल टैंकर पकड़ा. इस कार्रवाई से इरान काफी झल्ला उठा और उसने ब्रीटेन को नतीजे भुगतने की नसीहत दी.इस मामले को अंतरराष्ट्रीय नियमों का भंग बताया. इसका बदला लेने के लिए फिर इरान ने भी ब्रीटेन के तेल टैंकर को अपने कब्जे में ले लिया था. हालांकि, इस समय ब्रीटन खुद ही अपनी सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक उलझनों में पूरी तरह से उलझ कर रह गया है. इसलिए इस मामले में वह और आगे नहीं बढ़ सकता था. इसलिए उसने इरान के तेल टैंकर को रिहा कर दिया. हालांकि, अमेरीका ने इरान के तेल टैंकर को ना छोड़ने को लेकर ब्रीटेन पर काफी दबाव भी बनाया, लेकिन यह दबाव काम न आ सका.
इस बीच इरान भी कहां चूप बैठने वाला था. इसके बाद इरान ने अमेरीका का सबसे उन्नततर और आधुनिक ड्रोन मार गिराया. इस ड्रोन पर अमेरीका को काफी नाज था. क्योंकि यह ड्रोन अब तक के किसी भी रडार में आने से बचता था. लेकिन इस ड्रोन के मार गिराने से अमेरीका को इरान की ताकद का अंदाजा हो गया. इसके बाद हाल ही में अमेरीका के बगदाद स्थित दूतावास के बाहर जमकर प्रदर्शन हुआ, जिसमें अमेरीका दूतावास पर हमले का प्रयास किया गया. इस हमले के पीछे हिज्बुल्लाह का हाथ होने का अमेरीका का आरोप है. चूंकि हिज्बुल्लाह को जनरल कासिम सुलेमानी की शह हासिल थी, तो अमेरीका ने शाखाओं को काटने की बजाय सीधे जड़ पर ही हमला बोल दिया.
जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या
इरान के कुद्स ब्रिगेड के सबसे कद्दावर नेता जनरल कासिम सुलेमानी ने पूरे मध्यपूर्व एशिया मेमं इरान की काफी धमक बढ़ाई थी. उन्होंने फिलिस्तीन से लेकर यमन तक और और सीरिया से लेकर इराक तक अपनी मजबूत पैंठ बना रखी थी. यही बात अमेरीका को काफी खल रही थी. इसे देखते हुए अमेरीका ने हाल ही में जनरल कासिम सुलेमानी को एक ड्रोन हमले में मार गिराया. इस घटना से पूरे इरान में शोक और ग़मोगुस्से की त्सुनामी आ गई.जनरल कासिम सुलेमानी की अंतिम यात्रा में पूरे इरान से लोगों का सैलाब आ गया था. इस घटना को अंजाम देकर अमेरीका एक तरह से जंग का बिगूल फूंक दिया. इस घटना का बदला लेने के लिए इरान की ओर से अमेरिकी एयरबेस पर हमला बोला गया. दो दिन पहले ही अमेरीका के बगदाद स्थिति दूतावास के समीप हमला किया गया. यह घटनाएं संकेत दे रही है कि, जल्द ही इरान और अमेरीका के बीच किसी भी समय युद्ध का ज्वालामुखी फट सकता है. इस ज्वालामुखी की आग से पूरा विश्व प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से झुलसकर रह जाएगा.
डोनाल्ड ट्रम्प की अमेरीका में खिलाफत
सुलेमानी की हत्या के बाद भले ही डोनाल्ड ट्रम्प इस घटना के समर्थन में दलीलें दे रहे हों, लेकिन अमेरीका में भी इसका खासा विरोध हो रहा है. आम लोगों में युद्ध को लेकर पहले ही चिंता जताई जा रही है. लेकिन ट्रम्प अपने निजी राजनैतिक स्वार्थ के लिए अमेरीका को युद्ध में झोंक रहे है, ऐसा कई अमेरीकियों का मानना है.जहां आम लोग उन्हें इस बात के लिए कोस रहे है, वहीं सत्ता की गलियारों में भी ट्रम्प का कड़ा विरोध हो रहा है. इसी वर्ष होने वाले राष्ट्रपति के चुनाव में सफलता हासिल करने के लिए ट्रम्प ने यह चाल चली है, ऐसा राजनीतिक विश्लेषक मान रहे है. इससे अमेरीका में राष्ट्रवाद की ठण्डी हो चुकी बासी कढ़ी में उबाल लाने का उनका प्रयास कितना सफल होता है, ट्रम्प आगे और क्या दांव खेलते है, इरान इसके बाद क्या पैंतरा अपनाता है, यह सारी बातें आने वाले कुछ ही दिनों में क्लीयर हो जाएंगी. लेकिन इस जंग का खामियाजा अमेरीका समेत सारी दुनिया को भूगतना पड़ सकता है.
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