The Lock-down Will Have A Long-term Impact On Small Businesses (Hindi)
क्या लॉक-डाउन का छोटे व्यवसायों पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा?
कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन का बुरा प्रभाव खुदरा मार्किट पर स्पष्ट रूप से नजर आ रहा हैं. हमने Mirae Asset Investment Managers India Pvt. Ltd के एसोसिएट फण्ड मैनेजर श्री अंकित जैन से इस विषय पर विस्तृत बातचीत की. आइये उन्हीं से इस विषय पर अधिक जानने की कोशिश करते हैं.
कोविड-19 महामारी ने एक ऐसी स्थिति पैदा कर दी है, जिसमें निश्चित तौर पर कुछ भी नही कहा जा सकता है. क्योंकि विश्व भर में मरने वालों की संख्या इस समय चरम पर है.
हालांकि भारत में, पूर्ण लॉकडाउन के बाद स्थिति अभी भी नियंत्रण में है. क्योंकि कोविड-19 की स्थिति अभी भी यूरोप और अमरीका की तुलना में काफी अच्छी है, लेकिन बिना किसी उचित टीकाकरण के पूरे हालात को सामान्य करना मुश्किल है.
देशभर में पूर्ण लॉकडाउन होने चलते आर्थिक विकास पर इसका असर दिखाई देने लगा है. पहले से ही तरलता की कमी के कारण इकोनॉमी में मंदी की आहट थी. इसके बाद लॉकडाउन ने खासकर छोटे व्यवसायों को और ज्यादा कठिन बना दिया है, जिसका असर आगे तक देखा जा सकेगा.
एफएमसीजी सेक्टर पर राय
कोविड-१९ की वजह से एफएमसीजी सेक्टर की ग्रोथ पर ब्रेक लग गया है. नीलसन के आकड़ों के मुताबिक लिक्विडिटी की कमी और रुरल इलाकों में कमजोर डिमांड के चलते अक्टूबर-दिसंबर 19 में यह 6 फीसदी नीचे जा चुका है. ब्यूटी प्रोडक्ट को छोड़कर इस सेक्टर की अधिकतर कंपनियों पर निगेटिव असर साफ देखा जा रहा है.
कामगारों की कमी और पर्याप्त यातायात की कमी की वजह से इन कंपनियों के सामने सुचारु रुप से कारोबार चलाने की समस्या खड़ी हो गयी है. वहीं सप्लाई चेन पर भी इसका असर देखा जा रहा है. इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतों में कमी के चलते मुसीबते और बढ़ी हैं.
स्वच्छता के प्रति उपभोक्ता की प्राथमिकता में बदलाव से कुछ उत्पाद क्षेत्रों, जैसे पैकेज्ड फूड, पर्सनल वॉश और इम्युनिटी बूस्टर आदि में वृद्धि में मदद मिल सकती है. ब्रांडेड पैकेज्ड फूड प्लेयर्स को संगठित करने के लिए असंगठित (अनपैकेज्ड उत्पादों) से भी काफी फायदा हो सकता है. एफएमसीजी क्षेत्र को अच्छी कमाई की दृश्यता के साथ वर्तमान परिदृश्य को नेविगेट करने के लिए अच्छी तरह से रखा गया है.
उपभोक्ता/खुदरा क्षेत्र पर राय
उपभोक्ता खासकर खुदरा क्षेत्र के लाभ को भी लॉकडाउन की वजह से निकट अवधि में महत्वपूर्ण घाटा हो सकता है. अधिकांश खुदरा व्यवसायों में आमतौर पर उच्च निश्चित लागतों की विशेषताएं होती हैं और नकारात्मक परिचालन लाभ उठाने के कारण महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित होती हैं.
गर्मी के महीनों के दौरान अधिक बिक्री के कारण टिकाऊ क्षेत्र पर भी गंभीर प्रभाव पड़ सकता है और अच्छे सीजन के दौरान लॉकडाउन के कारण साल के बाकी दिनों में खोई हुई बिक्री को कवर करना अधिक कठिन हो जाता है. कुल मिलाकर, एक साल की कमाई वित्तवर्ष 2021 का एक बड़ा हिस्सा कुछ कुछ कारोबार के लिए खत्म हो सकता है .
कुल मिलाकर इस श्रेणी में मांग घटने की वजह से नौकरी की समस्या, वेतन में कटौती के मामले प्रभावित कर सकते हैं. हालांकि सरकार के राहत पैकेज और ब्याज दरों में कटौती की वजह से कुछ हद तक बैंलेंस सीट में सुधार की गुजाइंश हो सकती है. मध्यम से दीर्घ अवधि में इस क्षेत्र में कम ब्याज दर, प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि और कम पैठ के कारण रिकवरी की थोड़ी आशा देखी जा सकती है.
निष्कर्ष
मौजूदा हालात को देखते हुए लॉकडाउन और सोशल डिस्टेसिंग ही इस मुसीबत से बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता है. हालांकि इससे इकोनॉमी को नुकसान हो रहा है, जो साफ दिख रहा है. सेक्टर्स की रिकवरी इस बात पर निर्भर करेगी कि, हम कितनी जल्दी इस महामारी को दूर कर सकते हैं.
वहीं वित्तीय प्रोत्साहन और कम ब्याज दर के कारण मार्किट को थोड़ा समर्थन मिल सकता है. इस प्रक्रिया में, नौकरी के नुकसान और वेतन कटौती के परिणामस्वरूप लोग अपनी होनेवाली आय हानि का अनुमान पहले से लगा लें तो उनके लिए ज्यादा बेहतर होगा.
इसके अलावा, श्रेणियों में प्रीमियमकरण की प्रवृत्ति पर निकट अवधि के ठहराव का परिणाम हो सकता है. हालांकि चुस्त आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, डिजिटल मार्केटिंग परिशुद्धता और अच्छी बैलेंस शीट द्वारा समर्थित कंपनियों को बेहतर प्रदर्शन करना चाहिए और प्रमुख विजेताओं के रूप में उभरना चाहिए.
इस बाजार सुधार के कारण, उपभोक्ता प्रधान कंपनियों की आय पर अपेक्षाकृत कम प्रभाव के कारण उपभोक्ता विवेकाधिकार को बेहतर बना दिया है. इस मौके पर, हमें अच्छे गुणवत्ता वाले व्यवसायों में सुरक्षा के अच्छे मार्जिन के साथ निवेश करने के अच्छे अवसर मिलते हैं, जो किसी समृद्ध मूल्यांकन के कारण पोर्टफोलियो का हिस्सा नहीं होते.
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