The Slump In Luxury Homes: More Than Half Are Unsold From 3 Years
लक्ज़री घरों में मंदी: पिछले 3 वर्षों में लॉन्च किए गए आधे से ज्यादा घर अनसोल्ड: प्रॉपटाइगर की रिपोर्ट
भारत के नौ प्रमुख रेजिडेंशियल मार्केट में लक्जरी घरों की डिमांड बेहद घटती नजर आ रही हैं. proptiger dot com द्वारा जारी किये गए डेटा के अनुसार, इनमें से आधी से ज्यादा यूनिट्स पिछले तीन वर्षों में लांच हुई थी जो इन मार्केटों में अभी तक बिकी नहीं हैं. इन 3 सालों के दौरान बनाये गए कई प्रोजेक्ट बीके नहीं.
एलारा टेक्नोलॉजीज द्वारा स्वामित्व वाले रियल एस्टेट पोर्टल housing dot com और makaan dot com के पास उपलब्ध नंबर में यह दर्शाता है कि 7 करोड़ रुपये से अधिक प्रति यूनिट कीमत की कुल 1,131 हाउसिंग यूनिट्स को दिसंबर 2016 और दिसंबर 2019 के बीच तीन साल की अवधि के दौरान लॉन्च किया गया था. इनमें से, 577 याने 51% यूनिट्स जनवरी 2020 तक अनसोल्ड रहे.
इसी तरह, कुल 3,656 इकाइयाँ, जिनकी कीमत 5 करोड़ रुपये से 7 करोड़ रुपये थी, पिछले तीन वर्षों में इन बाजारों में लॉन्च की गई थी. इस यूनिट का लगभग 55% हिस्सा अनसोल्ड रहा. इसके अतिरिक्त, कुल 8,503 यूनिट्स, जिनकी कीमत 3 करोड़ रुपये से 5 करोड़ रुपये के बीच है, जिनको इस अवधि के दौरान इन बाजारों में लॉन्च किया गया, जिसमें डेटा के अनुसार 56% यूनिट्स अभी भी अनसोल्ड रहा.
लग्जरी होम कर रहे हैं ग्राहकों का इंतजार
Price bracket
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Unsold inventory in 9 markets as of
March 2020
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Rs 1-3 Cr
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51,997 units
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Rs 3-5 Cr
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4,762 units
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Rs 5-7 Cr
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2,025 units
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Above Rs 7 Cr
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577 units
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क्षेत्र के हिसाब से बात करे तो भारत की वित्तीय राजधानी, मुंबई में सबसे अधिक अनसोल्ड लक्जरी यूनिट्स (30,015) की संख्या है, इसके बाद भारत की दवा राजधानी हैदराबाद (8,554) और भारत की सिलिकॉन वैली, बेंगलुरु (5,794) तीसरे स्थान पर है.
2017 में देखे गए स्तरों की तुलना में, नौ शहरों के अंदर लक्ज़री प्रोजेक्ट्स के लांच में भरी गिरावट देखने को मिली.
उदाहरण के लिए, 1-3 करोड़ मूल्य के ब्रैकेट में, 2018 में 29,756 यूनिट्स के मुकाबले 2019 में 29,775 यूनिट्स लॉन्च की गईं. 5-7 करोड़ रुपये की कीमत वाली ब्रैकेट में भी, पिछले साल केवल 5-7 करोड़ मूल्य के ब्रैकेट में, 859 यूनिट्स ही लॉन्च हुई थीं, जबकि 2018 में 1,536 यूनिट्स लॉन्च की गईं थी.
इसी तरह, 7 करोड़ रुपये से अधिक की कीमत में, 2018 में 542 यूनिट्स की तुलना में 2019 में भारत के नौ बाजारों में केवल 34 यूनिट्स लॉन्च की गईं. 3-5 करोड़ रुपये की कीमत वाले ब्रैकेट में लांच ज्यादा देखने को मिले जहाँ, 2018 में 2,675 यूनिट्स के मुकबले साल 2019 में 3,092 यूनिट्स लांच हुई.
हाउसिंगडॉटकॉम, मकानडॉटकॉम और प्रॉपटाइगरडॉटकॉम के ग्रुप सीईओ, ध्रुव अग्रवाला ने कहा “भारत के रियल एस्टेट में मांग की कमी के कारण काफी दबाव है. इसका प्रभाव रेजिडेंशियल रियल एस्टेट के हर सेगमेंट पर है, लक्ज़री सेगमेंट मिला कर. लक्जरी घरों की मांग के बाद नोटबंदी के बाद गिरी और यहीं ट्रेंड अभी तक बहुत ज्यादा नहीं बदला है.
कोरोनोवायरस महामारी को लेकर चल रहे संकट की वजह से लक्जरी आवास सहित H1 FY21 में रेजिडेंशियल रियल एस्टेट सेक्टर में मांग को और प्रभावित करने की संभावना है."
हालांकि, अगरवाला को उम्मीद है की भारत के रुपये के लगातार गिरते मूल्य से एनआरआई ग्राहकों यहां के लक्ज़री हाउसिंग सेगमेंट में रूचि आ सकती है.
अग्रवाला ने आगे कहा “भारतीय मुद्रा हाल ही में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 77 रुपये से अधिक गिर गई. यह एनआरआई होमबॉयरों को एक लाभप्रद स्थिति में रखता है क्योंकि वे पहले से कहीं अधिक लक्जरी घरों में निवेश के विकल्प देख सकते है."
विश्लेषण में शामिल शहर अहमदाबाद (गांधीनगर शामिल हैं), बेंगलुरु, चेन्नई, गुरुग्राम (भिवाड़ी, धारूहेड़ा और सोहना शामिल हैं), हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई (नवी मुंबई और ठाणे शामिल हैं), पुणे और नोएडा (ग्रेटर नोएडा, नोएडा एक्सटेंशन सहित) और यमुना एक्सप्रेसवे.
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